बुधवार, २७ जानेवारी, २०२१

ओर्गनीक कीटकनाशीक

 “मल्टीप्लायर तकनीक” की खेती में,

पक्षी इल्लियों को चुन-चुनकर खाते हैं। 

 


१) श्री विष्णु विश्वनाथ मेटकर इनका कृषि सेवा केंद्र रामलीला काम्प्लेक्स, दुकान नंबर 8, ग्राम आड़गाव बु।। तहसील तेल्हारा जिला अकोला महाराष्ट्र में है। 

२) विष्णु सर उनके किसान भाइयों को रस चूसनेवाले किटकों के नियंत्रण के लिए "कृष्णा नारायणअस्त्र"  (आर्गनिक किटक कंट्रोल) देते हैं। 

३) किटक कंट्रोल में कंपनी के पास सिर्फ रस चूसनेवाले किटकों का उत्पाद है, कटिंग पेस्ट मतलब इल्ली (अळी) के लिए कोई उत्पाद नहीं है। 

४) विष्णु सर का कहना है की, "कृष्णा नारायणअस्त्र" सभी रस चूसनेवाले किटकों का कंट्रोल करता है, तथा सभी इल्लियों का कंट्रोल पक्षियों के माध्यम से बिनामूल्य हो जाता है। 

५) सच्चाई है की, जिस खेत में रासायनिक किटकनाशक का छिड़काव होता है, उस खेत में पक्षी नहीं आते, "कृष्णा नारायणअस्त्र"  आर्गनिक होने के कारण प्राकृतिक किड नियंत्रण होने लगता है। 

६) आप फोटो में देखिये कितने पक्षी इल्ली खाने के काम में व्यस्त हैं।


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