तिल, तीळ.
तिल की फसल का मल्टीप्लायर के साथ नियोजन.
तिल की बुवाई करने के पहले बीजों को मल्टीप्लायर से बीजोपचारित करें, बीजोपचार कैसे करें इसकी जानकारी अलग से दी गई है.
तिल की फसल में बीजों की बुवाई करते समय १ किलो मल्टीप्लायर जमीन से देना है, उसके १ महीने बाद फिर से १ किलो मल्टीप्लायर देना है, मल्टीप्लायर जमीन से देने का तरीका अलग से बताया गया है.
छिड़काव से फसल पर ज्यादा अच्छा और तुरंत परिणाम मिलता है, इसलिए जमीन से देने के साथ-साथ प्रति सप्ताह १५ लीटर पानी में १५ ग्राम मल्टीप्लायर + २ मिली ऑल क्लियर मिलाकर छिड़काव करें.
रासायनिक खाद एकदम से बंद नहीं करना है, उसका प्रमाण २० प्रतिसत कम करिये, जब आपको उत्पादन बढ़कर मिले, तब अगली फसल में रासायनिक खाद और कम करिये, कुछ सालों में आपका रासायनिक खाद शून्य हो जायेगा.
फसल की ऊंचाई आपके पहले के सभी रेकार्ड ब्रेक कर देगी, उसके पत्तों का आकार देखनेवाले को आश्चर्यचकित कर देगा जैसा पत्तों का आकार रहेगा तथा स्टंप का आकार रहेगा वैसी ही जबरदस्त और ज्यादा संख्या में फली लगेंगी, अभी मार्किट में कुछ नए बीज आये है, उनकी उत्पादन क्षमता ज्यादा है, ऐसे बीजों का इस्तेमाल करके आप और भी ज्यादा उत्पादन ले सकते है.
मल्टीप्लायर के कारण फसल को आवश्यकता से अधिक भोजन मिलता है, इसलिए फसल ताकतवर बनती है, और ज्यादा से ज्यादा फलियों को पोषण देने में समर्थ बनती है, साथ-साथ फलियों के अंदर की तिल के आकार को भी बढ़ाती है, मल्टीप्लायर का इस्तेमाल करने के कारण फसल को बढ़ाने के लिए, पत्तों को गहरे हरे रंग का बनाने के लिए, दूसरे किसी उत्पादन की आवश्यकता नहीं पड़ती.