रविवार, ३१ जानेवारी, २०२१

करेले की खेती

  करेले की खेती,

"मल्टीप्लायर तकनीक" के साथ।   


१) किसान भाई का नाम श्री नरवत सिंह ग्राम नाथा ना मुवाड़ा तहसील बायड जिला अरवल्ली गुजरात। 

२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता- एग्रोभेट ऑरगॅनिक 9767981244

३) करेले की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया। 

४) फसल लगाने के पहले दिन से "मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। 

५) छिड़काव में मल्टीप्लायर, कृष्णा ऑल क्लियर, कृष्णा नारायणअस्त्र तथा कृष्णा स्प्रे प्लस का इस्तेमाल किया है। 

६) ग्रोथ अच्छी है, कलर डार्क ग्रीन लगातार बना हुआ है, फूल ज्यादा संख्या में आ रहे हैं, फल भी ज्यादा लग रहे हैं। 

७) किड रोग समस्या नहीं आने के कारण रासायनिक दवाओं पर खर्च होनेवाले पैसों की बचत हुई।


अशी ओलख अन्न द्रव्यचि

 अशी ओळखा अन्नद्रव्यांची कमतरता.


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1) नत्र - झाडाची खालची पाने पिवळी होतात, मुळांची व झाडांची वाढ थांबते, फूट व फळे कमी येतात.

2) स्फुरद - पाने हिरवट लांबट होऊन वाढ खुंटते, पानाची मागची बाजू जांभळट होते.

3) पालाश - पानाच्या कडा तांबडसर होऊन पानांवर तांबडे व पिवळे ठिपके पडतात. खोड आखूड होऊन शेंडे गळून पडतात.

4) जस्त - पानांचे आकारमान कमी होते. पानांतील शिरांमधील भाग पिवळा पडतो. पिकांची वाढ खुंटते. पिकांमध्ये पेरे लहान पडतात.

5) लोह - शेंड्याकडील पानांच्या शिरांमधील भाग पिवळा पडतो, झाडांची वाढ खुंटते.

6) तांबे - पिकांच्या शेंड्याची वाढ खुंटते व पाने लगेच गळून पडतात. तसेच पाने अरुंद वाटतात. पानांचे टोक व कडा फिक्कट पिवळ्या दिसतात.

7) बोरॉन - टोकांवरील नवीन पालवीचा रंग देठाकडून फिक्कट होऊ लागतो. नवीन पाने मरतात. पानांना सुरकुत्या पडून पिवळे चट्टे पडतात. पिकांच्या शेंड्याकडील पाने मरतात.

9) मॉलिब्डेनम - पाने फिक्कट हिरवी पडतात. तपकिरी ठिपके पानांवर दिसतात. पानांच्या खालच्या भागातून तपकिरी डिंकासारखे द्रव्य स्रवते.

10) गंधक - झाडाच्या पानांचा मूळचा हिरवा रंग कमी होतो. नंतर पाने पूर्ण पिवळी-पांढरी पडतात.


सेंद्रिय शेती व खते यांबद्दल अधिक माहितीसाठी संपर्क : अ‍ॅग्रोभेट ऑरगॅनिक - 9767981244


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शनिवार, ३० जानेवारी, २०२१

आलू की खेती

 आलू की खेती,

मल्टीप्लायर तकनीक" के साथ।

१) किसान भाई का नाम श्री मुरलीधर शर्मा ग्राम जामली तहसील महू जिला इंदौर मध्यप्रदेश।

२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता एग्रोभेेट ऑरगॅनिक 9767981244

३) आलू की खेती में "मल्टीप्लायर तकनीक" का इस्तेमाल किया।

४) फसल की ग्रोथ बहोत अच्छी हुई है, पत्तों का आकार ज्यादा लंबा तथा चौड़ा है।

५) फसल लगातार डार्क ग्रीन बनी हुई है, उत्पादन बढ़कर मिलेगा।



गुरुवार, २८ जानेवारी, २०२१

गहू की खेती

 गेहूं की खेती, 

मल्टीप्लायर तकनीक" के साथ। 

१) किसान भाई का नाम श्री मुरलीधर शर्मा ग्राम जामली तहसील महू जिला इंदौर मध्यप्रदेश। 

२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता एग्रोभेट ऑरगॅनिक 9767981244

३) गेहूं की खेती में "मल्टीप्लायर तकनीक" का इस्तेमाल किया। 

४) गेहूं के बीजों की बुवाई करने से पहले "मल्टीप्लायर" से बीजोपचारित किया। 

५) फसल की ग्रोथ शानदार है, कलर डार्क ग्रीन है, पत्तियां ज्यादा चौड़ी हैं। 

६) कल्लों की संख्या ज्यादा है, सभी कल्ले एकसमान बढे हैं।


चला शेत करी बंधुनो

 चला, शेतकरी बंधुनो हि बाब जास्तीत जास्त शेअर करा!  


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बुधवार, २७ जानेवारी, २०२१

ओर्गनीक कीटकनाशीक

 “मल्टीप्लायर तकनीक” की खेती में,

पक्षी इल्लियों को चुन-चुनकर खाते हैं। 

 


१) श्री विष्णु विश्वनाथ मेटकर इनका कृषि सेवा केंद्र रामलीला काम्प्लेक्स, दुकान नंबर 8, ग्राम आड़गाव बु।। तहसील तेल्हारा जिला अकोला महाराष्ट्र में है। 

२) विष्णु सर उनके किसान भाइयों को रस चूसनेवाले किटकों के नियंत्रण के लिए "कृष्णा नारायणअस्त्र"  (आर्गनिक किटक कंट्रोल) देते हैं। 

३) किटक कंट्रोल में कंपनी के पास सिर्फ रस चूसनेवाले किटकों का उत्पाद है, कटिंग पेस्ट मतलब इल्ली (अळी) के लिए कोई उत्पाद नहीं है। 

४) विष्णु सर का कहना है की, "कृष्णा नारायणअस्त्र" सभी रस चूसनेवाले किटकों का कंट्रोल करता है, तथा सभी इल्लियों का कंट्रोल पक्षियों के माध्यम से बिनामूल्य हो जाता है। 

५) सच्चाई है की, जिस खेत में रासायनिक किटकनाशक का छिड़काव होता है, उस खेत में पक्षी नहीं आते, "कृष्णा नारायणअस्त्र"  आर्गनिक होने के कारण प्राकृतिक किड नियंत्रण होने लगता है। 

६) आप फोटो में देखिये कितने पक्षी इल्ली खाने के काम में व्यस्त हैं।


शुक्रवार, २२ जानेवारी, २०२१

तुम्ही ठरवा काय








तुम्ही ठरवा काय करायचं?

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पपीता की खेती







 पपीता की खेती, 

मल्टीप्लायर तकनीक" के साथ। 

१) किसान भाई का नाम श्री रवीन्द्रभाई पटेल ग्राम हाथीपुरा कंपा तहसील बायड जिला अरावली गुजरात। 

२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता ऍग्रो भेट ऑरगॅनिक 9767981244

३) पपीता की खेती में "मल्टीप्लायर तकनीक" का इस्तेमाल किया। 

४) पपीते की वायरस मुक्त फसल है, नीचे से ऊपर तक फल लगे हैं। 

५) रासायनिक खेती में फलों की संख्या बढ़ते ही वायरस आ जाता है, आप देख सकते हैं, सभी पौधों के पत्ते स्वस्थ हैं।


बुधवार, २० जानेवारी, २०२१

तुर की खेती

अरहर (तूर दाल) की खेती, 
मल्टीप्लायर तकनीक" के साथ। 
१) किसान भाई का नाम श्री रवीन्द्रभाई पटेल ग्राम हाथीपुरा कंपा तहसील बायड जिला अरावली गुजरात। 
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता ॲग्रो भेट ऑर्गनिक 9767981244
३) अरहर की खेती में "मल्टीप्लायर तकनीक" का इस्तेमाल किया। 
४) फसल की ग्रोथ शानदार हुई है, शाखाओं की संख्या ज्यादा है। 
५) पूरी फसल ऊपर से नीचे तक फूलों से भर गई है। 

६) किड रोग की कोई समस्या नहीं है।

 

रविवार, १७ जानेवारी, २०२१

शनिवार, १६ जानेवारी, २०२१

लौक्की की खेती

   लौकी (दूधी) की खेती,

"मल्टीप्लायर तकनीक" के साथ।        


१) किसान भाई का नाम श्री अखिल खान बड़वानी मध्यप्रदेश।

२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता- ॲग्रो भेट ऑरगॅनिक 9767981244

३) लौकी की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया।

४) फसल की ग्रोथ बहोत अच्छी हुई है।

५) ज्यादा मात्रा में फूल आने लगे हैं, सेटिंग अच्छी मिल रही है।

६) फसल का रिजल्ट देखकर किसान भाई ने संपूर्ण खेती "मल्टीप्लायर तकनीक" से करने का निर्णय लिया।


 अरहर (तुवर) खेती।   मल्टीप्लायर तकनीक के साथ।           १) किसान भाई का नाम श्री रविंद्र दरसिम्बे धारणी जिला अमरावती महाराष्ट्र।   २) मार्ग...