शनिवार, २६ ऑक्टोबर, २०१९

कपास की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.
१) किसान भाई का नाम श्री दीपक रामचंद्र मारवाड़ी गांव वर्डी तहसील चोपड़ा जिला जळगाव महाराष्ट्र.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता-agrobhet organic 9767981244
३) कपास की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) इस साल कहीं-कही ज्यादा बारिश से फसलें ख़राब हुई हैं, दीपक जी के खेत में भी पानी भर जाने से फसल के पत्ते लाल हो गए थे, उसी समय उनकी बातचीत मिश्रा सर से हुई.
५) मल्टीप्लायर, ऑल क्लियर, स्प्रे प्लस और नारायणअस्त्र का सात दिन के अंतर से दो बार छिड़काव किया, साथ में 500 ग्राम मल्टीप्लायर जमीन से दिया, सात दिन के बाद रिपीट किया.
६) लाल हो चुकी फसल हरी बन गई, नए फूल आने लगे, कैरी तैयार होने लगी.
७) मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल तुरंत होने के कारण, कैरियाँ ज्यादा संख्या में नहीं गिरी, अब कपास लाल का कोई लक्षण नहीं है.

गुरुवार, २४ ऑक्टोबर, २०१९

रासायनिक खतांचा अतिरेकी वापर केला की त्याचे परिणाम पिकांवर होत असतात. त्यातून तयार होणारी धान्ये, भाज्या, फळे यांच्यामध्ये रासायनिक खतातल्या रसायनांचे अंश उतरतात आणि ती धान्ये, फळे आणि भाज्या खाण्याच्या लायक रहात नाहीत. त्यामुळेच भारतातून यूरोप खंडात पाठवल्या जाणाऱ्या या अशा उत्पादनांची तिथे गेल्यानंतर कडक परीक्षा केली जाते.
शक्यतो रासायनिक खतांचा वापर न करता आणि कसलीही जंतूनाशके न वापरता निव्वळ सेंद्रीय शेती केली असेल तर त्या शेतातलाच माल कटाक्षाने विकत घेतला जातो आणि या उपरही खतांचा आणि औषधांचा वापर केलाच असेल तर त्या खतांचे आणि औषधांचे काही अंश फळांमध्ये आणि भाज्यांमध्ये उतरलेले तर नाहीत ना, याची खातरजमा केली जाते. तसे ते उतरले नसतील तरच तो माल घेतला जातो. अन्यथा तो माल परत पाठवला जातो. या बाबत ही दक्षता घेण्याचे कारण असे की, खताचे अंंश उतरलेले खाद्य पदार्थ खाल्ले तर ते खताचे रासायनिक अंश आणि औषधातील विषारी अंश आपल्या खाण्यातून रक्तात पोचत असतात.
याबाबत पंजाबमध्ये दोन विदारक अनुभव आले आहेत. पंजाबमध्ये सर्वत्र समृद्धी असल्यामुळे आणि ९५ टक्के जमीन बागायती असल्यामुळे सगळे शेतकरी सधन आहेत आणि ते आपापल्या शेतात राबत असतात. दुसऱ्याच्या शेतात कामाला जाणाऱ्या या बायका तिथे आढळतच नाहीत. मग ही कसर भरून काढण्यासाठी बिहारमधले मजूर पंजाबमध्ये कामाला जातात. तेही मिळाले नाहीत तर पिकांमध्ये आलेले तण काढणार कोण, असा प्रश्न निर्माण होतो. तशी स्थिती आल्यास विषारी तणनाशकांचा मारा करून तण नाहीसे केले जाते. या विषारी तणनाशकाचे अंश गव्हामध्ये किंवा तांदळामध्ये उतरलेले असतात. तो गहू खाणाऱ्याच्या रक्तात सुद्धा ते उतरतात. त्यामुळे रोपाड जिल्ह्यात काही तरुणांच्या रक्ताचे नमुने तपासले असता त्यांच्या रक्तामध्ये या तणनाशकाचे अंश सापडले आहेत.

बुधवार, २३ ऑक्टोबर, २०१९

गन्ने की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.
१) किसान भाई का नाम श्री चंद्रप्रकाश गांव पीरनगर सुदना तहसील तथा जिला हापुड़ उत्तरप्रदेश.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता- agrobhet organic 9767981244
३) गन्ने की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) तीसरे साल का गन्ना होने के बावजूद, मल्टीप्लायर तकनीक के इस्तेमाल ने गन्ने की फसल शानदार बना दी.

सोमवार, २१ ऑक्टोबर, २०१९

धान की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.

१) किसान भाई का नाम श्री आदित्य भूरा जैन मंदिर के पास सिवनी मध्यप्रदेश
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता- agrobhet organic 9767981244
३) धान की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) जिनको मल्टीप्लायर की ताकत का अहसास हो जाता है, वो स्वयं की रिस्क पर आर्गनिक खेती का निर्णय ले लेते हैं, आदित्य जी ने तीन एकड़ क्षेत्र में धान की आर्गनिक खेती करने की.
५) रासायनिक खाद का एक दाना भी नहीं डालने के बावजूद खेती इतनी अच्छी हुई है की, रासायनिक से जितना उत्पादन मिलता था, उससे ज्यादा उत्पादन मिलेगा.
६) रासायनिक खाद नहीं डालने के कारण फसल पर किड रोग की समस्या नहीं आने से जहरीली दवाओं पर किया जानेवाला खर्च बचा, खर्च रासायनिक से कम होकर उत्पादन बढ़कर मिलनेवाला है. 



रविवार, २० ऑक्टोबर, २०१९

सेंद्रिय शेती म्हणजे सजीव पर्यावरणीय रचना आणि जीवनचक्रास समजून घेऊन व रसायनांचा वापर टाळून केलेली एकात्मिक शेती पद्धती होय. सिक्कीम सरकारने २०१५ पर्यंत संपूर्ण राज्य सेंद्रिय शेतीखाली आणण्याचे ध्येय ठरविले आहे.[] सेंद्रिय शेती सध्या सुमारे ११० देशामध्ये केली जात असून तिचा हिस्सा वाढतो आहे


सेंद्रिय अन्नाच्या बाजारपेठा – युनायटेड स्टेट्सयुरोपियन युनियन (जर्मनीफ्रान्सइटलीबेल्जियमयुनायटेड किंगडमआणि जपान या सेंद्रिय पद्धतीची शेती करून पिकविलेल्या अन्नधान्याच्या मुख्य बाजारपेठा आहेत.सेंद्रिय शेती करून उत्पादनांची निर्मिती करणारे आशियातील प्रमुख देश आहेतचीनयुक्रेनभारतइंडोनेशिया आणि इस्त्राईलसेंद्रिय बाजारपेठ स्थिर गतीने वाढत असताना त्यासंबधी सेंद्रिय प्रमाणीकरण (सर्टिफिकेशनआणि नियमावली अधिकाधिक कठोर आणि अनिवार्य होत आहे

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गुरुवार, १७ ऑक्टोबर, २०१९

स्वागतम ....सर्वदा.

१) श्री गणेश सानप सर उनके बिजनेस पार्टनर जमीर शेख सर के साथ मल्टीप्लायर की फास्ट ट्रेक ट्रेनिंग के लिए कंपनी मुख्यालय में पधारे.
२) सानप सर की अहमदनगर में दुकान है, जहाँ किसान भाइयों के लिए उपयोगी साहित्य का बिजनेस होता है.
३) सानप सर बिजनेस के अलावा भी किसान भाइयों के जीवनमान को ऊँचा उठाने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं.
४) मल्टीप्लायर का काम भी उन्होंने किसान भाइयों के खेती उत्पादन को किड रोग मुक्त बनाकर, बढ़ा हुआ उत्पादन दिलाकर, उनकी आर्थिक सम्पन्नता बढ़ाने के लिए शुरू किया है.
५) सर के साथ इस कार्य में अच्छे-अच्छे लोग जुड़कर काम को आगे बढ़ा रहे हैं.
६) जमीर शेख सर पिछले 18 सालों से मार्केटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उनका कहना है की, खेती के लिए सोना है, मल्टीप्लायर, सिर्फ किसान भाइयों को इस सोने का परिचय कराना है, बहोत जल्द अहमदनगर जिला आर्गनिक बनेगा.
७) गणेश सानप सर तथा जमीर शेख सर के संकल्प को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कंपनी का "सेल्स मल्टीप्लाय विभाग" भी तेजी से प्लानिंग तैयार करने के काम में लग गया है.
८) गणेश सानप सर का कहना है की, "सेल्स मल्टीप्लाय विभाग" के द्वारा दी गई प्लानिंग की मदत से किसान भाइयों तक पहुँचने में, तथा उनके खेतों में मल्टीप्लायर पहुंचाने में काफी मदत मिलती है.
९) गणेश सानप सर तथा जमीर शेख सर का कंपनी मुख्यालय में हार्दिक स्वागत.
कपास की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.

१) किसान भाई का नाम श्री दीपक रामचंद्र मारवाड़ी गांव वर्डी तहसील चोपड़ा जिला जळगाव महाराष्ट्र.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता- agrobhet organic 9767981244
३) कपास की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) इस साल कहीं-कही ज्यादा बारिश से फसलें ख़राब हुई हैं, दीपक जी के खेत में भी पानी भर जाने से फसल के पत्ते लाल हो गए थे, उसी समय उनकी बातचीत मिश्रा सर से हुई.
५) मल्टीप्लायर, ऑल क्लियर, स्प्रे प्लस और नारायणअस्त्र का सात दिन के अंतर से दो बार छिड़काव किया, साथ में 500 ग्राम मल्टीप्लायर जमीन से दिया, सात दिन के बाद रिपीट किया.
६) लाल हो चुकी फसल हरी बन गई, नए फूल आने लगे, कैरी तैयार होने लगी.
७) मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल तुरंत होने के कारण, कैरियाँ ज्यादा संख्या में नहीं गिरी, अब कपास लाल का कोई लक्षण नहीं है
काले धान की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.
१) किसान भाई का नाम श्री यशवंत टिचकुले गांव गणेशपुर तहसील तथा जिला भंडारा महाराष्ट्र.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेताagrobhet organic 9767981244
३) काले धान की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) धान की बुवाई 21 अगस्त को हुई है, आप जो फोटो देख रहे हैं सिर्फ 20 दिन की फसल के हैं.
५) रासायनिक खाद की मात्रा सिर्फ 50% डाली है, पिछले साल मल्टीप्लायर का रिजल्ट देखकर किसान भाई ने रासायनिक खाद कम करने का निर्णय लिया था.
६) कम खाद के बावजूद मल्टीप्लायर तकनीक के इस्तेमाल से रिजल्ट बहोत अच्छा आया है.

बुधवार, १६ ऑक्टोबर, २०१९

केले की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.

१) किसान भाई का नाम श्री तुषार प्रकाश सोनवणे ग्राम केऱ्हाळा तहसील रावेर जिला जळगांव महाराष्ट्र.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता agrobhet organic 9767981244३) केले की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) केले के पौधे 1 जुलाई को लगाए थे, वीडियो में दिख रही फसल 70 दिन की है.
५) बहोत शानदार ग्रोथ है, समय के हिसाब से पत्तों का आकार भी ज्यादा बड़ा मिला है.
६) इसके पहले जो केला लगाया था, वह फसल 45 दिन पहले तैयार होने से समय खर्च और पैसों की बचत हुई, साथ में उत्पादन भी बढ़कर मिला था.

मंगळवार, १५ ऑक्टोबर, २०१९

कपास की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.
१) किसान भाई का नाम श्री शिवाजी डाके गेवराई जिला बीड महाराष्ट्र.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता agrobhet organic 9767981244
३) कपास की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) मल्टीप्लायर तकनीक में फसल को ज्यादा भोजन की उपलब्धता होने के कारण, फसल तेजी से बढ़ती है, पत्ते डार्क ग्रीन कलर के दिखते हैं, ज्यादा संख्या में फूल आते हैं, कैरियों की संख्या ज्यादा मिलती है, कैरी का वजन ज्यादा रहता है, सबसे महत्वपूर्ण बात यह की जब दूसरे खेतों की कपास लाल पड़ती है, मल्टीप्लायर तकनीक की कपास डार्क ग्रीन कलर की बनी रहती है, दूसरा उत्पादन भी लिया जा सकता है.
टमाटर की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.
१) किसान भाई का नाम श्री माऊली शिरसाठ गांव विंचुर तहसील निफाड़ जिला नाशिक महाराष्ट्र.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेताagrobhet organic 9767981244
३) टमाटर की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) कुछ किसान भाई टमाटर की खेती में बहोत खर्च करते हैं, अगर भाव अच्छा मिला तो फायदा नहीं तो खेती से नुकसान होता है.
५) मल्टीप्लायर तकनीक की खेती में खर्चे कम से कम होने के कारण भाव कम से कम मिला तब भी किसान भाई फायदे में ही रहता है.
६) आप फोटो में देख सकते हैं, पुरे पेड़ टमाटर से भर गए हैं

सोमवार, १४ ऑक्टोबर, २०१९

अदरक (आले ) की खेती.
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ.
१) किसान भाई का नाम श्री श्रीकांत सरकाले गांव सकेलवाड़ी तहसील कोरेगाव जिला सतारा महाराष्ट्र.
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता agrobhet organic9767981244.
३) अदरक की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया.
४) फसल तेजी से बढ़ रही है, कलर डार्क ग्रीन बना हुआ है.
५) फसल को ज्यादा भोजन की उपलब्धता के बाद ही फसल का कलर डार्क ग्रीन बनता है, यह फसल अदरक की है, अदरक की फसल हमेशा पीले कलर की रहती है, मल्टीप्लायर तकनीक से इतना ज्यादा भोजन मिला की, पीली दिखनेवाली फसल भी गहरे हरे रंग की बन गई.
६) किसान भाई ने फसल पर दो बार मल्टीप्लायर, ऑल क्लियर, नारायणअस्त्र और स्प्रे प्लस का छिड़काव किया है.

 अरहर (तुवर) खेती।   मल्टीप्लायर तकनीक के साथ।           १) किसान भाई का नाम श्री रविंद्र दरसिम्बे धारणी जिला अमरावती महाराष्ट्र।   २) मार्ग...