मल्टीप्लायर.
आम का उत्पादन 6 गुना तक बढ़ गया.
1) किसान भाई का नाम श्री नरेंद्र सिंह ग्राम केशगांव सरगुजा जिला सरगुजा छत्तीसगढ़, इनको कंपनी के प्रतिनिधि रजनीश पटेल सर ने मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल करके ज्यादा उत्पादन लेने की सलाह दी.
2) किसान भाई पिछले कई सालों से कम उत्पादन से चिंतित थे, उन्होंने अपनी समस्या रजनीश पटेल सर को बताई, रजनीश सर ने बताया की, यह समस्या आपकी अकेले की नहीं है, पूरा भारत इस समस्या से ग्रस्त है.
3) रासायनिक खाद ने मिटटी के जीवाणु मार डाले, अब रासायनिक खाद जीवाणुओं की कमी के कारण फसलों को फसलों को नहीं मिल पाने के कारण, फसलों का कुपोषण हो रहा है.
4) किसान भाई ने प्रत्येक आम के पेड़ को 50 ग्राम मल्टीप्लायर जमीन से दिया.
5) 15 लीटर पानी में 10 ग्राम मल्टीप्लायर मिलाकर 3 बार पेड़ों पर छिड़काव किया.
6) पेड़ों को मल्टीप्लायर मिलते ही, प्रकृति की बिनामूल्य पोषण देनेवाली व्यवस्था सुरु हो गई, इसलिए पेड़ों को ज्यादा मात्रा में भोजन मिलने लगा.
7) आम के पत्तों का आकार बड़ा बना, पत्तों का कलर डार्क ग्रीन मिला, बोर (मोहोर) स्ट्रांग आने के कारण सेटिंग ज्यादा मिली.
8) फलों का आकार भी बड़ा बन गया, आम की संख्या इतनी ज्यादा है की, किसान भाई का कहना है की, पिछले सालों के मुकाबले इस बार उत्पादन 6 गुना ज्यादा मिलेगा इतना आम पेड़ों पर लगा है.
आम का उत्पादन 6 गुना तक बढ़ गया.
1) किसान भाई का नाम श्री नरेंद्र सिंह ग्राम केशगांव सरगुजा जिला सरगुजा छत्तीसगढ़, इनको कंपनी के प्रतिनिधि रजनीश पटेल सर ने मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल करके ज्यादा उत्पादन लेने की सलाह दी.
2) किसान भाई पिछले कई सालों से कम उत्पादन से चिंतित थे, उन्होंने अपनी समस्या रजनीश पटेल सर को बताई, रजनीश सर ने बताया की, यह समस्या आपकी अकेले की नहीं है, पूरा भारत इस समस्या से ग्रस्त है.
3) रासायनिक खाद ने मिटटी के जीवाणु मार डाले, अब रासायनिक खाद जीवाणुओं की कमी के कारण फसलों को फसलों को नहीं मिल पाने के कारण, फसलों का कुपोषण हो रहा है.
4) किसान भाई ने प्रत्येक आम के पेड़ को 50 ग्राम मल्टीप्लायर जमीन से दिया.
5) 15 लीटर पानी में 10 ग्राम मल्टीप्लायर मिलाकर 3 बार पेड़ों पर छिड़काव किया.
6) पेड़ों को मल्टीप्लायर मिलते ही, प्रकृति की बिनामूल्य पोषण देनेवाली व्यवस्था सुरु हो गई, इसलिए पेड़ों को ज्यादा मात्रा में भोजन मिलने लगा.
7) आम के पत्तों का आकार बड़ा बना, पत्तों का कलर डार्क ग्रीन मिला, बोर (मोहोर) स्ट्रांग आने के कारण सेटिंग ज्यादा मिली.
8) फलों का आकार भी बड़ा बन गया, आम की संख्या इतनी ज्यादा है की, किसान भाई का कहना है की, पिछले सालों के मुकाबले इस बार उत्पादन 6 गुना ज्यादा मिलेगा इतना आम पेड़ों पर लगा है.
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